
मणिपुर राज्य का इतिहास अत्यंत गौरवपूर्ण रहा है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सुभाष चंद्र बोस अपनी आजाद हिंद फौज के साथ अंग्रेजों को हराते हुए मणिपुर राज्य में पहुंचे थे। लांगथावल में I. N.A. स्मारक भी उन सैनिकों की याद में बना है। 1949 में भारतीय संघ में विलय के बाद इसे सी वर्ग का राज्य बनाया गया।
21 जनवरी 1972 को मणिपुर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया।
मणिपुर के पूर्व में म्यांमार दक्षिण पश्चिम में असम उत्तर में नागालैंड और दक्षिण तथा दक्षिण पश्चिम में मिजोरम स्थित है।
इस राज्य में स्वर्ण पुष्प कहे जाने वाले सिराय लिली के फूल मिलते हैं, जो विश्व में किसी भी अन्य स्थान पर नहीं मिलते।
मणिपुर राज्य का क्षेत्रफल 22,327 वर्ग किलोमीटर है।
राजधानी- इंफाल
जिले – 9
मुख्यभाषा- मणिपुरी
लोकटक झील- मणिपुर राज्य के विष्णुपुर जिले में स्थित एक झील जिससे होकर इम्फाल नदी प्रवाहित होती है। इस झील पर तैरते बाग एवं झोपड़ियां पाए जाते हैं। मैंने फुमडि कहा जाता है।
सिरोई लिली- राज्य के उखरूल जिले में सिरोही पर्वतमाला में सिरोई लिली नामक विश्व की दुर्लभ प्रजाति केवल यही पर पाई जाती है। जूको घाटी में दुर्लभ प्रजाति जूको लिली पाई जाती है।
ब्राउ -एंटीलर्ड हिरन- मणिपुर का विष्णुपुर जिला पृथ्वी का एकमात्र ऐसा स्थान है जहां ब्राउन एंटीलर्ड हिरण पाया जाता है। यह लोकटल झील के दक्षिण पूर्व में स्थित है।
मणिपुर में टेक्सास, बकाटा एवं जिगंसिंग जैसे दुर्लभ औषधीय पौधे भी पाए जाते हैं।
कोपिल जल विद्युत परियोजना ,बारामूरा गैस थर्मलपरियोजना, तापीमुख जल विद्युत परियोजना, तवाई जल विद्युतपरियोजना, तथा नीला कुठी फूड पार्क आदि मणिपुर की महत्वपूर्ण परियोजना है।
खायंग- मणिपुर के उखरुल जिले में 3114 मीटर ऊंची एक श्रेणी जो हिमालय का उत्तर -दक्षिण विस्तार है।