मेघालय राज्य का इतिहास – History of Meghalaya State in Hindi

History of Meghalaya


मेघालय में मुख्य रूप से खासी , जयंतिया वा गारो जातियां रहती हैं। मेघालय चट्टानी क्षेत्र है। इसके उत्तर में असम, पूर्व में असम का ही कछार तथा उत्तरी का कछार, दक्षिण पश्चिम में बांग्लादेश स्थित है। इस राज्य की सबसे ऊंची चोटी शिलांग 1965 मीटर ऊंची है। दूसरे नंबर की सबसे ऊंची चोटी ‘नोकोक’ है। जो गारो हिल्स में है। गारो हिल्स राज्य के सबसे पश्चिम में,मध्य में खांसी तथा पूर्व में खासी तथा जयंतिया की पहाड़ियां स्थित है।
असम राज्य का क्षेत्रफल 22,429 वर्ग किलोमीटर है।
राजधानी – शिलांग
जिले -7
मुख्य भाषाएं – खासी, गारो ,जयंतियां और अंग्रेजी

खासी हिल्स- मेघालय के पश्चिमी और पूर्वी खासी जिलों में स्थित पर्वत श्रेणी जो गोंडवाना लैंड का भाग है।
खांसी जिले में खासी जनजाति पाई जाती है जहां मातृ- सत्ता परंपरा है।

गारो हिल्स- मेघालय राज्य के पश्चिमी एवं पूर्वी गारो पहाड़ी जिलों में फैली गोंडवाना लैंड की चट्टानों वाली पहाड़ियां यहां गारो जनजाति पाई जाती है।

चेरापूंजी- मेघालय के पूर्वी खासी पहाड़ी जिले के दक्षिणी भाग में स्थित एक स्थल जहां विश्व की सर्वाधिक वर्षा लगभग 1200 सेंटीमीटर अभिलेखित की गई थी। इसी के पास स्थित मासिनराम वर्तमान में सर्वाधिक वर्षा प्राप्त करने वाला स्थान है।

जयंतिया हिल्स- मेघालय के जयंती जिले में स्थित पहाड़ियों जहां जोवई कोयल की खाने हैं। जो गोंडवाना लैंड की चट्टानों में मिलती है।

नाकरेक- मेघालय राज्य के पश्चिमी जिले पश्चिमी गारो पहाड़ी में स्थित एक स्थान जहां एक जीवमंडलीय भंडार स्थित है।

 

शिलांग- मेघालय की राजधानी एवं पर्यटक स्थल जो पूर्वी खासी पहाड़ी जिले में स्थित है। इसी के नाम पर मेघालय पठार को शिलांग पठार भी कहते हैं। इसे भारत का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है।

हैप्पी वैली- मेघालय के पूर्वी खासी पहाड़ी जिले में शिलांग के दक्षिण स्थित एक पर्यटक स्थल है

मेघालय का नक्शा - Map of Meghalaya

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